योगी आदित्यनाथ ने कहा- महाकुंभ में 100 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था कर रही उत्तर प्रदेश सरकार

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के 45 दिन (13 जनवरी से 26 फरवरी) के दौरान 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार 100 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए तैयारी कर रही है। सरकार का अनुमान है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर मुख्य मुहूर्त में प्रयागराज में छह करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे, लेकिन तैयारी 10 करोड़ की होगी। महाकुंभ के लिए 12 किमी की लंबाई में घाट तैयार किए जा रहे हैं। कुल 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में कुम्भ का विस्तार किया गया है। यहां चार धाम के भी दर्शन होंगे। द्वादश ज्योतिर्लिंग और अन्य प्रमुख ज्योतिर्लिंग के भी दर्शन होंगे। प्रयागराज कुम्भ, खोया-पाया के बारे में एआई टूल, भाषिणी ऐप के माध्यम से देश की 11 भाषाओं में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कुंभ में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की गिनती भी सरकार के पास होगी। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज, 1.50 लाख शौचालय, सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री कुंभ होगा। यह महाकुंभ उत्तर प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के रोडमैप को आगे बढ़ाने में मार्गदर्शक होगा।

संभल के मुद्दे पर भी उन्होंने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में चर्चा संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर हो रही थी और मुद्दा संभल का उठ रहा था। उन्हीं के समय में 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया और इनकी वास्तविकता को सबके सामने प्रस्तुत कर दिया। संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति और ज्योतिर्लिंग रातों-रात तो नहीं आई। उन्होंने कहा कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली। संभल में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था। जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा। ये लोग कुम्भ के बारे में भी दुष्प्रचार का कुत्सित प्रयास करेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि जिसने भी 2019 का कुम्भ देखा, उन्हें लगा होगा कि यहां लीक से हटकर कार्य हुआ है। पहली बार प्रयागराज में स्वच्छ-सुरक्षित और सुव्यवस्थित कुम्भ देखने को मिला। जो कुम्भ गंदगी, भगदड़, अव्यवस्था, असुरक्षा का प्रतीक बन गया था, वही प्रयागराज कुम्भ 2019 में दिव्य और भव्य बना। महाकुंभ-2025 में आस्था और आधुनिकता का संगम भी दिखाई देगा।

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सीएम ने इशारों में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित फैसला दिया, जिससे विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया। लेकिन वे लोग आज भी जज को धमकी देते हैं। यह वही लोग हैं, जो संविधान के नाम पर पाखंड कर रहे हैं। राज्यसभा के सभापति (उप राष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। सभापति ने कर्तव्यों के निर्वहन की बात की और कहा कि सदन चलना चाहिए। जनता से जुड़े मुद्दे सदन में रखे जाने चाहिए। इस पर इन लोगों (विपक्षियों) ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दिया। निष्पक्ष चुनाव कराने के कारण चुनाव आयोग और सच कहने के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति को कठघरे में खड़ा किया गया। वे लोग उच्च सदन में महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आ जाते हैं, यानी सच बोलने और देश की विरासत की चर्चा करने वाले हर व्यक्ति को यह लोग धौंस-धमकी दिखाएंगे।

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सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनता तो एयरपोर्ट, रेल की डबल लाइन, कनेक्टिविटी नहीं हो पाती। आमजन खुश है, श्रद्धालु कृतज्ञता ज्ञापित करता है, लेकिन देश के संविधान का गला घोंटकर इसमें चोरी से सेक्युलर शब्द डालने वाले लोग अपने घर में शोक मना रहे हैं। उन्हें काशी, अयोध्या के आध्यात्मिकता और विकास से परेशानी है। उन लोगों ने दशकों तक शासन किया, लेकिन कुछ कर नहीं पाए। अब अपने निकम्मेपन पर हम लोगों को कोस रहे हैं। अपनी अकर्मण्यता का दोष हमारी सफलता को कोसकर दे रहे हैं। हमें उनकी मानसिकता को देखना होगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयास है कि इसी बहाने प्रयागराज का कायाकल्प हो। पहली बार संगम में पक्के घाट के दर्शन होंगे। पहली बार गंगा नदी पर रिवर फ्रंट देखने को मिलेगा। संगम का जल निर्मल और अविरल भी होगा। अक्षयवट कॉरिडोर में श्रद्धालु वर्ष भर दर्शन कर सकेंगे। सरस्वती कूप का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। बड़े हनुमान जी मंदिर, महर्षि भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया। श्रृंगवेरपुर में भी भगवान राम और निषादराज की गले मिलते हुए 56 फीट ऊंची मूर्ति व कॉरिडोर का लोकार्पण पीएम के करकमलों से हो चुका है। प्रयागराज के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो रहा है। 216 से अधिक मार्ग ऐसे हैं, जो सिंगल से डबल, डबल से फोर लेन, फोर लेन से सिक्स लेन कराए जा रहे हैं।

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